Category Archives: Hindi (हिन्दी)

मुझे इश्क हो गया… इश्क इश्क..

આજે ઘણા વખતે ફરી એક હિંદી ફિલ્મની કવ્વાલી સાંભળીએ..! આજકલની ફિલ્મો હવે પહેલા જેટલી કવ્વાલીઓ આવતી નથી.. અને કવ્વાલી હોય તો પણ એમાં પહેલા જેટલી મઝા નથી આવતી..(થોડા અપવાદ સિવાય). અને એમાં અપવાદરૂપ કહી શકાય એવી આ કવ્વાલી..! ફિલ્મ પરંપરા.. આમિર ખાન અને સૈફઅલી ખાનને ચમકાવતી આ ફિલ્મ ક્યારે આવીને ગઇ એ પણ કદાચ ઘણાને ખબર ના હોય.. પણ એમાંની આ  સાબરી બ્રધર્સની કવ્વાલી મેં કદાચ ‘ना तो कारवाँ की तलाश है… … જેટલી જ સાંભળી હશે..!!

Album:Parampara
Artist:Sabri Brothers

Ishq Kaa Zikr Aasamaanon Par
Ishq Kaa Naam Sab Zubaanon Par
Khel Dil Kaa Hai Ye, Magar Is Men
Khel Jaate Hain Log Jaanon Par
( Main Jis Ki Talaash Men Nikalaa ) – 3
( Usako To Mainne Dhuundh Liyaa ) – 2
Use Dhuundh Ke Main Khud Kho Gayaa
(Mujhe Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq) – 2

Kaafir Kaho To Kah Lo
Kah Lo, Kaafir Kaho To Kah Lo
Mazahab Hai Ishq Meraa
Meraa, Mazahab Hai Ishq Meraa
( Matalab Hai Ishq Meraa ) – 2
Na Samajho Dillagi Hai
Ke Ye Dil Ki Lagi Hai
Ye Meri Jaan Legi
Ye Sab Kuchh Phuunk Degi
Dhuaan Uthane Lagaa Hai
Yah Dam Ghutane Lagaa Hai
Ke Dil Men Haule-Haule
(Bhadak Uthe Hain Shole) – 2

Dekh Rahi Hai Saari Duniyaa
Duur Khadi Hairaani Se
Saat Samandar Haar Gae
Yah Aag Bujhi Na Paani Se
Mere Dil Ki Naabin Chali Gayi
( Barasaat Baras Kar Chali Gayi ) – 2
Saavan Bhi Aakar Ro Gayaa
( Mujhe Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq ) – 2

( Janaazaa Uthegaa, Yaa Baaraat Hogi
Magar Aaj Un Se Mulaaqaat Hogi ) – 2
Bade Zor Ki Pyaas Jaagi Hai Dil Men
Bade Zor Ki Aaj Barasaat Hogi
Ni Saa Saa, Ni Saa Saa, Ni Saa Saa
Ni Paa Maa Paa Gaa Gaa Gaa Maa
Re Saa Saa Gaa Maa Gaa Gaa Ni Paa
Kahaan Se Aa Rahaa Huun
Kahaan Main Jaa Rahaa Huun
Mujhe Is Ki Kabar Kyaa
Idhar Kyaa Hai, Udhar Kyaa
Mere Chit-Chor Se Main
Bandhaa Huun Duur Se Main
( Jahaan Bhi Jaaegaa Vo Mujhe Le Jaaegaa Vo ) – 2
Bhuul Bhulaiyaa Nain Sajan Ke
Mujhako Isaki Kabar Nahin
Jaane Ki To Hai
( Vaapas Aane Ki Koi Dagar Nahin ) – 2
Na Suurat Usaki Aai Nazar
Na Prem Gali Ko Jo Gayaa
( Mujhe Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq ) – 2

Ishq Kudaa Hai, Ishq Hi Rab Hai
Ishq Hi To Duniyaa Kaa Sabab Hai
Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq
Mujhe Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq
Ishq Hi Jaaduu, Ishq Hi Kushabuu
Ishq Nahin To Kyaa Main Kyaa Tuu
Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq
Mujhe Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq
Naam Hazaaron, Ishq Akelaa
Ishq Binaa Hai Kaun Saa Melaa
Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq
Mujhe Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq
Ishq Sayaanaa, Ishq Divaanaa
Ishq Ko Samajhe Kyaa Yah Zamaanaa
Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq
Mujhe Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq
Ishq Ki Baaten Hain Har Dil Men
Mandir Masajid Ek Hi Dil Men
Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq
( Mujhe Ishq Ho Gayaa, Ishq, Ishq ) – 4

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એ ભાઇજી.. Happy Bithday….!! 🙂

छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलायके. – अमीर खूसरो

આજે અમીર ખૂસરોની આ અમર રચના.. નુસરત ફતેહઅલી ખાન, આબીદા પરવીન, સાબરી બ્રધર્સ થી લઇને લતા, આશા, રીચા શર્મા, કૈલાસ ખેર સુધીના કેટલાય નામી-અનામી કલાકારોને આ રચનાને કંઠ આપ્યો છે. થોડા વર્ષો પહેલા આવેલી ફિલ્મ ‘સાથિયા’નું પેલું ગીત ‘નૈના મિલાયકે…’ યાદ છે? એ ગીત પણ તો આ રચનાને આધારે જ બન્યું છે.

અને હિંદી ફિલ્મમાં આ રચના આમ તો લતા-આશાના અવાજમાં ‘મેં તુલસી તેરે આંગન કી’ ફિલ્મમાં પણ થોડા ફેરફાર સાથે લેવામાં આવી છે. અને લતા-આશાના સહિયારા અવાજમાં એ ગીત થોડું વધારે જ સ્પેશિયલ લાગે.. બરાબર ને?

સ્વર : નુસરત ફતેહઅલી ખાન

સ્વર : નાહિદ અખ્તર

સ્વર : આબિદા પરવીન ??

સ્વર : હર્ષદીપ ??

स्वर: आशा भोंसले, लता
गीतकार: आनन्द बक्षी
फ़िल्म: मैं तुलसी तेरे आँगन की (1978)
संगीत: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल

आ सजना इन नैनन में पलक ढाक तोहे लूँ |
ना मैं देखूं यार को ना तोहे देखन दूँ ||

काजर धारु किरकरा जो सुरमा दिया न जाए |
इन नैनन में पिय बसे दूजा कौन समाए, दूजा कौन समाए ||

छाप तिलक सब छीनी , छाप तिलक सब छीनी…मोह से नैना मिलायके |
छाप तिलक सब छीनी…मोह से नैना मिलायके |

नैना मिलायके मोह से सैना मिलायके|
नैना मिलायके मोह से सैना मिलायके ||

छाप तिलक सब छीनी…मोह से नैना मिलायके |
छाप तिलक सब छीनी…मोह से नैना मिलायके ||

प्रेमवटी का मधवा पिलायके
प्रेमवटी का मधवा पिलायके
मतवारी कर दीन्ही मोह से नैना मिलायके
मतवारी कर दीन्ही मोह से नैना मिलायके

गोरी गोरी बैयाँ हरी हरी चूडियाँ
गोरी गोरी बैयाँ हरी हरी चूडियाँ
बैयाँ पकड़ हर लीनी मोह से नैना मिलायके
बैयाँ पकड़ हर लीनी मोह से नैना मिलायके

बल बल जाऊं तोरे रंगरजवा
बल बल जाऊं तोरे रंगरजवा
अपनी सी रंग दीन्ही मोह से नैना मिलायके
अपनी सी रंग दीन्ही ….. नैना मिलायके

खुसरो निजाम के बल बल जई है
खुसरो निजाम के बल बल जई है
खुसरो निजाम के बल बल जई है
मोहे सुहागन कीन्ही मोह से नैना मिलायके
मोहे सुहागन कीन्ही मोह से नैना मिलायके

(Lyrics from : http://lyricwiki.org/)

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लता: अपनी छब बनायके
जो मैं पी के पास गयी
आशा: अपनी छब बनायके
जो मैं पी के पास गयी
दोनों: जब छब देखी पीहू की
सो मैं अपनी भूल गयी

ओ, (छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलायके) -२
छाप तिलक

लता: सब छीनी रे मोसे नैना
नैना, मोसे नैना
नैना रे, मोसे नैना मिलायके
नैना मिलायके

दोनों: छाप तिलक सब छीनी रे मोसे

आशा: नैना, (नैना मिलायके) -२

दोनों: छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलायके

लता: ए री सखी
(मैं तोसे कहूँ) -२
हाय तोसे कहूँ
मैं जो गयी थी
(पनिया भरन को) -३
छीन झपट मोरी मटकी पटकी
छीन झपट मोरी झपट मोरी मटकी पटकी
नैना मिलायके

दोनों: छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलायके

आशा: (बल-बल जाऊँ मैं) -२
(तोरे रंग रजेवा) -२
(बल-बल जाऊँ मैं) -२
(तोरे रंग रजेवा) -३
(अपनी-सी) -३
रंग लीनी रे मोसे
नैना मिलायके

दोनों: छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलायके

आशा: ए री सखी
(मैं तोसे कहूँ) -२
हाय तोसे कहूँ

लता: (हरी हरी चूड़ियाँ) -२
(गोरी गोरी बहियाँ) -२
हरी हरी चूड़ियाँ
(गोरी गोरी बहियाँ) -३
(बहियाँ पकड़ हर लीनी) -२
रे मोसे नैना मिलायके

दोनों: छाप तिलक सब छीनी रे मोसे

आशा: नैना
(नैना मिलायके) -३

दोनों: छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलायके

(Lyrics from : http://anandbakshi.blogspot.com/)

H मधुबनमें राधिका नाचे रे… .. – शकील बदायुनी

આજે ૫ મે, હિન્દી ફિલ્મ જગતના Legendary સંગીતકાર નૌશાદ સાહેબની પુણ્યતિથિ.

એમને શ્રધ્ધાંજલીરૂપે એમનું આ ઘણું જ જાણીતું – અને મારું ઘણું જ ગમતું ગીત.. અને એ પણ એક નહીં, બે વાર..! 🙂

Not from film – another Recording : with a Special Speech by Naushadsaaheb

Original Sound Track from Movie Kohinoor

मधुबन में राधिका नाचे रे \-२
गिरधर की मुरलिया बाजे रे \-२
मधुबन में…

पग में घुँघरू बाँधके, आ…
पग में घुँघरू बाँधके
घुँघटा मुख पर डाल के
नैनन में कजरा लगाके रे
मधुबन में…

डोलत छम\-छम कामिनी, आ…
डोलत छम\-छम कामिनी
चमकत जैसे दामिनी
चंचल प्यारी छवि लागे रे
मधुबन में…

म्रिदंग बाजे तितकितधूम तितकितधूम ता ता \-२
न चक चूम चूम था थय था थय
चक चूम चूम चन न न चूम चूम चन न न
क्रन ता क्रन ता क्रन ता धा धा धा
मधुबन में राधिका नाचे रे

मधुबन में राधिका
नी सा रे सा गा रे मा गा पा मा
धा पा नी धा सा नी रे सा
रे सा नी धा पा मा
पा धा नी सा रे सा नी धा पा मा
पा गा मा
धा पा गा मा रे सा

मधुबन में राधिका नाचे रे
सा सा सा नी धा पा मा
पा धा पा गा मा रे सा नी रे सा
सा सा गा मा धा धा नी धा सा
मधुबन में राधिका नाचे रे
मधुबन में राधिका

ओ दे ना दिर दिर धा नी ता धा रे दीम दीम ता ना ना
ना दिर दिर धा नी ता धा रे दीम दीम ता ना ना
ना दिर दिर धा नी ता धा रे दीम दीम ता ना ना
ना दिर दिर धा नी ता धा रे
ओ दे तन दिर दिर तन दिर दिर दिर दिर दूम दिर दिर दिर
धा तितकित तक दूम तितकित तक
तितकित तितकित ता धा नी
ना दिर दिर धा नी ता धा रे …

H ज़िंदगी में तो सभी प्यार किया करते है – क़ातिल शिफाई

આજે ગુડી પડવો…. અમારા તરફથી સૌને ગુડી પડવાની શુભેચ્છાઓ… 🙂

નેપાળના રાજા ‘વિરેન્દ્રવીર વિક્રમ શાહ દેવ’ના દરબારમાં જ્યારે એકવાર મેંહદી હસન કાર્યક્રમ રજૂ કરતા હતા, ત્યારે તેઓ અચાનક એમની આ ગઝલ ‘ज़िंदगी में तो सभी प्यार किया करते है’ ની આગળની કડી ભૂલી ગયા.. રાજા ત્યારે પોતે ઊભા થઇને ગઝલની એના પછીની કડી ગાવા લાગ્યા.. (આભાર : Mehdihassanent.net)

ज़िंदगी में तो सभी प्यार किया करते है,
मैं तो मर कर भी मेरी जान तुज़े चाहुंगा.

तु मिला है तो ये एहसास हुआ है मुज़को,
ये मेरी उम्र मुहब्बत के लिये थोड़ी है.
एक ज़रा सा ग़म-ए-दौराँ का भी हक़ है जिस पर,
मैने वो साँस भी तेरे लिये रख़ छोड़ी है,
तुज़पे हो जाउंगा क़ुरबान तुज़े चाहुंगा,
मैं तो मर कर भी मेरी जान तुज़े चाहुंगा…

अपने जज़बात में नग़मात रचाने के लिये,
मैंने धड़कन की तरह दिलमें बसाया है तुज़े !
मैं तसव्वुर भी जुदाई का भला कैसे करुं !
मैंने किस्मत की लक़ीरों से चुराया है तुज़े,
प्यार का बन के निग़हबान तुज़े चाहुंगा…
मैं तो मर कर भी मेरी जान तुज़े चाहुंगा…

तेरी हर चाप से जलते है ख़यालों में चराग़,
जब भी तु आए, जगाता हुआ जादु आए !
तुज़को छु लुं तो फिर ऐ जान-ए-तमन्ना मुज़को,
देर तक अपने बदन से तेरी ख़ुश्बु़ आए !
तु बहारोँ का है उन्वाँ, तुज़े चाहुंगा,
मैं तो मर कर भी मेरी जान तुज़े चाहुंगा…

H गझल मुझको कहेनी है – આસિમ રાંદેરી

શ્રી આસિમ રાંદેરીએ ખાસ ‘માધ્વી-અસીમ મહેતા‘ ના આલ્બમ ‘Passion’ માટે લખેલી આ ગઝલ.. અને આ આલ્બમનું વિમોચન પણ જનાબ આસિમ સાહેબના હસ્તે જ થયું છે. આજે જ્યારે આસિમ સાહેબ આપણી વચ્ચે નથી, ત્યારે આ ગઝલ માધ્વી-અસીમ મહેતા તરફથી અને સંપૂર્ણ સંગીત-જગત તરફથી એમને શ્રધ્ધાંજલી રૂપે….

સ્વર – સંગીત : અસીમ મહેતા

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गझल मुझको कहेनी है एक इन्कलाबी
मुझे साकिया दे गुलाबी गुलाबी

गुलाबी इन आंखोकी उफ रे गुलाबी
झमाना हुआ जा रहा है शराबी

कुछ ऐसे सवालात थे उस नझर के
के गुम हो गइ मेरी हाझिर जवाबी

मेरे शेरकी धूप पडते ही ‘आसिम’
हुआ जा रहा है, वो चहेरा गुलाबी

H सब अपनी अपनी गतमें… – સુંદરમ્

સૌપ્રથમ તો સૌને નવા વર્ષની ખૂબ ખૂબ શુભેચ્છાઓ… Wishing you all a Very Happy & Prosperous New Year..!! અને ૨૦૦૯ના વર્ષની શરૂઆત કરીએ આ મઝાના કૃષ્ણગીતથી… પુરુષોત્તમ ઉપાધ્યાયના સ્વર-સંગીત મઢ્યું આ ગીત વારંવાર સાંભળ્યા જ કરવાનું મન થાય એવું સરસ મઝાનું બન્યું છે..!! PUના ચાહકો માટે આ અચૂક one of the favorites બની જશે..

(मैं गतमें अपने मोहनकी…)

* * * * *

સ્વર – સંગીત ઃ પુરુષોત્તમ ઉપાધ્યાય

सब अपनी अपनी गतमें, मैं गतमें अपने मोहनकी;
वो मुरली बाजत मैं नाचत, नाचत राधा मोहनकी…

वो मेरा है कृष्ण कनैया, मैं उसकी दौहत हो गैया;
हम दोनों जमना के तट पर, खेलत होरी फागुनकी…

लाल में लाल मिल्यो मन मेरो, गरज गरज घन आयो घेरो;
मैं अपने घनश्यामकी बरसत, बरसत बदरी सावनकी…
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સબ અપની અપની ગતમેં, મૈં ગતમેં અપને મોહનકી;
વો મુરલી બાજત મૈં નાચત, નાચત રાધા મોહનકી…

વો મેરા હૈ કૃષ્ણ કનૈયા, મૈં ઉસકી દૌહત હો ગૈયા;
હમ દોનોં જમના કે તટ પર, ખેલત હોરી ફાગુનકી…

લાલ મેં લાલ મિલ્યો મન મેરો, ગરજ ગરજ ઘન આયો ઘેરો;
મૈં અપને ઘનશ્યામકી બરસત, બરસત બદરી સાવનકી…

H रोशन हुइ रात वो आसमांसे उतरके झमीं पे आया… – जावेद अख्तर

Merry Christmas to Everyone…

Music: A. R. Rahman
Singer: ANURADHA SRIRAM

(Photo : http://www.marianistas.org)

* * * * *


Roshan hui raat vo aasmaan se utar ke zameen pe aaya
Roshan hui raat mariyam ka beta mohabbat ke sandese laaya
Duniya mein vo meherbaan saath laaya sachchayee ke ujaale
Duniya mein banke maseeyah vo aaya ki humko toofan se bachaale
Roshan hui raat vo aasmaan se utar ke zameen pe aaya
Utar ke zameen pe aaye
Roshan hui raat mariyam ka beta mohabbat ke sandese laaya
Mohabbat ke sandese laaya

Vo aaya seene se unko lagaane jo hain yahaan beshaare
Vo aaye baahon mein unko chhupaane jo hain yahaan gum ke maare
Roshan hui raat jab jagmagaaya poorab dalan ka sitaara
Roshan hui raat humne khuda se mariyam ne sunli pukaara
Roshan hui raat vo aasmaan se utar ke zameen pe aaya
Utar ke zameen pe aaye
Roshan hui raat mariyam ka beta mohabbat ke sandese laaya
Mohabbat ke sandese laaya
Roshan hui raat vo aasmaan se utar ke zameen pe aaya
Utar ke zameen pe aaye
Roshan hui raat mariyam ka beta mohabbat ke sandese laaya
Mohabbat ke sandese laaya

H अब के हम बिछड़े तो … – एहमद फराज़

रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिये आ… આ ગઝલ પહેલીવાર મેંહદી હસનના અવાજમાં સાંભળેલી ત્યારથી ખૂબ જ ગમી ગયેલી.. અને એટલે જ કદાચ મને મેંહદી હસનના અવાજ અને એહમદ ફરાઝની કલમ માટે ખાસ માન છે..!! એ જ જોડી આજે ફરી એકવાર… આશા છે કે આ ગઝલ પણ તમને ગમશે..

સ્વર : મેંહદી હસન

अब के हम बिछड़े तो शायद कहीं ख़्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें

ढूँढ उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें

तू ख़ुदा है न मेरा इश्क़ फ़रिश्तों जैसा
दोनों इन्सां हैं तो क्यों इतने हिजाबों में मिलें

ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो
नश्शा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें

अब न वो मैं हूं न तू है न वो माज़ी है फ़राज़
जैसे दो साये तमन्‍ना के सराबों में मिलें

(हिजाब: परदा, ख़राबा: मरुमारीचिका, माज़ी: बीता हुआ समय)

H इस बार नहीं… – प्रसून जोशी

NDTV પર પ્રકાશિત બરખા દત્તના ‘Enough is Enough’ program માં એમણે વાંચેલી પ્રસૂન જોષીની આ કવિતા..
મુંબઇની સાથે સાથે આપણા બધા પર થયેલા એ હુમલાઓ સામેનો આક્રોશને આપણે કોઇક રીતે શબ્દોમાં ઢાળી દઇએ, પણ પ્રશ્નો તો તોયે ત્યાં નો ત્યાં જ રહેશે.. શા માટે? ક્યાં સુધી? …

इस बार नहीं
इस बार नहीं जब वो छोटी सी बच्ची मेरे पास अपनी खरोंच लेकर आयेगी
मैं उसे फूं-फूं कर नहीं बहलाऊँगा
पनपने दूंगा उसकी टीस को
इस बार नहीं

इस बार जब मैं चेहरो पर दर्द लिखा देखूंगा
नहीं गाऊँगा गीत पीड़ा भुला देने वाले
दर्द को रिसने दूगा , ऊतरने दूँगा अन्दर गहरे
इस बार नहीं

इस बार मैं ना मरहम लगाऊँगा
ना ही ऊठाऊँगा रूई के फोहे
और ना ही कहूँगा कि तुम आँखे बन्द कर लो
गर्दन ऊधर करलो मैं दवा लगा देता हूँ
देखने दूँगा सबको हम सबको खुले नंगे घाव
इस बार नहीं

इस बार जब ऊलझनें देखूँगा छटपटाते देखूँगा नहीं दौड़ूँगा ऊलझी डोर लपेटने
ऊलझनें दूँगा जब तक ऊलझ सके
इस बार नहीं

इस बार कर्म का हवाला देकर नहीं ऊठाऊँगा औजार
नहीं करूँगा फिर से एक नई शुरूआत
नहीं बनूँगा एक मिसाल एक कर्मयोगी की
नहीं आने दूँगा जिन्दगी को आसानी से पटरी पर
ऊतरने दूँगा उसे किचड़ में, टेढे मेढे रास्तों पे
नहीं सूखने दूँगा दिवारों पर लगा खून
हल्का नहीं पड़ने दूँगा उसका रंग
इस बार नहीं बनने दूँगा उसे इतना लाचार
कि पान की पीक और खून का फर्क ही खत्म हो जाए
इस बार नहीं

इस बार घावों को देखना है
गौर से
थोड़ा लम्बे वक्त तक
कुछ फैसले
और उसके बाद हौंसले
कहीं तो शुरूआत करनी ही होगी
इस बार यही तय किया है

– प्रसून जोशी

(આભાર : http://hindi.prasoonjoshi.com/)

भगवान,मोरी नैया… पार लगा देना

આજે ફરી એક એવું ગીત જે વારંવાર સાંભળ્યા જ કરો, સાંભળ્યા જ કરો.. અને તો યે દર વખતે એટલી જ મઝા આવે. થોડીવાર માટે જાણે આપણે ય કોઇ સાગર-કિનારે પહોંચી જઇએ, એટલું સરસ સંગીત પીરસ્યું છે જયદીપભાઇએ, અને સાથે એટલા જ મધુરા સ્વરમાં આપણા સુધી પહોંચાડ્યું છે..! (જયદીપભાઇને થોડા વધુ ઓળખો ઃ http://jaydeepswadia.com/ )

સ્વર – સંગીત : જયદીપ સ્વાદિયા

भगवान….
हैया हो….. हैया… हैया रे हैया..
हैया हो, हैया रे हैया… (४)

माझी रे…. माझी रे….
भगवान,मोरी नैया… पार लगा देना
अब तक तो नीभाया है,
आगे भी नीभा देना…
भगवान,मोरी नैया… पार लगा देना
हैया हो, हैया रे हैया…

संभव है, झंझटोंमें, मै तुझको भूल जाउं
पर नाथ, कहीं तुम ना मुझको भूला देना
भगवान,मोरी नैया… पार लगा देना
हैया हो, हैया रे हैया…

तुम इष्ट, में उपासक, तुम पूज, में पूजारी
यह बात अगर सच है तो, तो सच करके दिखा देना
भगवान,मोरी नैया… पार लगा देना
हैया हो, हैया रे हैया…

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અને હા.. જયદીપભાઇને રૂબરૂમાં સાંભળવા હોય તો Milpitas (California) ના સ્વામિનારાયણ મંદિરમાં શુક્રવારે સાંજે ૮.૦૦ વાગે એમનો પ્રોગ્રામ છે.

Admission is Free…
Time : 8.00Pm
Place:BAPS Swaminarayan Temple
1430 California Cir.
Milpitas CA 95035

For more Info. about shows…Contact Dimple Patel 408-515-0185