स्वर : ओमकार नाथ ठाकुर
.
बिजली चमके बरसे,
मेहरवा आई बदरिया,
गरज गरज मोहे अतही डरावे ॥
गर गरजे घन बिजली चमके,
पपीहा पिहू पिहू टेर सुनावे,
का करूं कित जाऊं,
मोरा जियरा तरसे ॥
स्वर : ओमकार नाथ ठाकुर
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बिजली चमके बरसे,
मेहरवा आई बदरिया,
गरज गरज मोहे अतही डरावे ॥
गर गरजे घन बिजली चमके,
पपीहा पिहू पिहू टेर सुनावे,
का करूं कित जाऊं,
मोरा जियरा तरसे ॥