बिजली चमके बरसे मेहरवा

स्वर : ओमकार नाथ ठाकुर

.

बिजली चमके बरसे,
मेहरवा आई बदरिया,
गरज गरज मोहे अतही डरावे ॥

गर गरजे घन बिजली चमके,
पपीहा पिहू पिहू टेर सुनावे,
का करूं कित जाऊं,
मोरा जियरा तरसे ॥

3 replies on “बिजली चमके बरसे मेहरवा”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *