Voice: Bharat Ratna – M. S. Subbulakshmi
हरि तुम हरो जन की भीर
द्रौपदी की लाज राखी,
तुम बढ़ायो चिर
भक्त कारण रूप नरहरि,
धर्यो आप शरीर
हरिणकश्यप मार लीन्हो
धर्यो नहिन धीर
बूढ़ते गजराज राख्यो,
कियो बाहर नीर
दास मीरा लाल गिरधर,
दु:ख जहाँ तहाँ पीर