સ્વર : આશા ભોસલેં , કુમાર શાનુ
कर ना सके हम प्यार का सौदा, कीमत ही कुछ ऐसी थी
जीती बाज़ी हार गये हम, किस्मत ही कुछ ऐसी थी
कोई न समज़े कोई न जाने कैसी ये मजबुरी है
पास है एक दुजे के कितने फीर भी कितनी दूरी है
आंखो में आंसु के है कतरें, होठो पे खामोशी है
हस न सके हम, रो न सके हम, हालत ही कुछ ऐसी थी
जीती बाज़ी हार गये हम, किस्मत ही कुछ ऐसी थी
एक तरफ़ है प्यार का दामन, एक तरफ है फर्ज़ मेरा
सोच रहा हुं कैसे चुकाउं ए झिंदगानी कर्ज़ तेरा
देखो ज़रा किस मोड पे लाये ये ज़ालिम हालात मेरे
हमको मिली ना तुमको मिली, वो चाहत ही कुछ ऐसी थी
जीती बाज़ी हार गये हम, किस्मत ही कुछ ऐसी थी
હલાત્ કે મારો કા યહિ હાલ હોતા હૈ, કુસુર કિસિ ઔર કિ ઔર સજા કિસિ ઔર કો….
ખુબજ કર્ણપ્રિય ગિત છે.
આવિ જ મારિ હાલત ચે, એટલે મને બહુ જ ગમે ચે.
દેવાન્ગ બારોટ પુના – અમદાવાદ્
beautiful gazal…………
This is perfect gazal.. I have listen 1st time.. thank you…