अँखियाँ हरि दर्शन की प्यासी – सूरदास

સ્વર : પ્રિતી ગજ્જર

સંગીત : ડો. ભરત પટેલ

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अँखियाँ हरि दर्शन की प्यासी
(देख्यो चाहत कमल नैन को)-२
निस दिन रहत उदासी
अँखियाँ निस दिन रहत उदासी
अँखियाँ हरि दर्शन की प्यासी

आए ऊधो घिरे गए आंगन
डारि गए गरे फाँसी
(अँखियाँ हरि दर्शन की प्यासी)-२

(केसर तिलक मोतियन की माला)-२
वृंदावन को वासी
(अँखियाँ हरि दर्शन की प्यासी)-२

काहू के मन की कोउ न जाने
लोगन के मन हासी
(अँखियाँ हरि दर्शन की प्यासी)-२

सूरदास प्रभु तुम्हरे दरश बिन
लेहों करवत कासी
(अँखियाँ हरि दर्शन की प्यासी)-२
हरि दर्शन की प्यासी

10 replies on “अँखियाँ हरि दर्शन की प्यासी – सूरदास”

  1. આ ભજન મોહમ્મદ રફી સાહેબે પણ ગાયું છે
    સાંભળવા મળી શકશે?

  2. કાચિ રે માતિ નુ કોદિયુ આ કાયા ઝબકિ ઝબકિ ને બુઝાવા નુ રે
    આ ભજન કોને ગાએ લુ જનાવ શો

  3. काहू के मन की कोउ न जाने
    लोगन के मन हासी
    अँखियाँ हरि दर्शन की प्यासी
    સુંદર ભજન સાંભળવાનિ મજા આવિ ગઈ.

  4. सुर की गति मैं
    सुर की गति मैं क्या जानूँ .
    एक भजन करना जानूँ ..
    अर्थ भजन का भी अति गहरा
    उस को भी मैं क्या जानूँ ..
    प्रभु प्रभु प्रभु कहना जानूँ
    नैना जल भरना जानूँ ..

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